Wednesday, December 12, 2012

कोई अच्छा सा नाम....

इन दिनों मैं पितृत्व सुख का शिद्दत से आनंद ले रहा हूँ लेकिन इस सुख के साथ कई दायित्व भी मुझ पर आ गए हैं। लोग मुझे अभी से बिटिया की शादी को लेकर चिंतित कर रहे हैं लेकिन मुझे मालूम है कि इसमें तो अभी कई साल लगेंगे। तात्कालिक समस्या तो नाम को लेकर है। बिटिया का क्या नाम रखूँ?  नामकरण की समस्या इतिहास की बड़ी समस्याओं में से रही है। शेक्सपीयर ने अपनी एक कहानी का नाम रख दिया था जो तुम चाहो। अब मैं अभिषेक बच्चन की तरह भाग्यशाली तो नहीं हूँ कि मुझे नामों के ढेरों प्रस्ताव मिल जाएँ और मैं इनमें से एक आराध्या रख दूँ?
बेटा हुआ तो अचिंत्य
 मुझे आंधी फिल्म का एक दृश्य बहुत पसंद हैं। संजीव कुमार और सुचित्रा सेन बातें कर रहे हैं। संजीव कुमार कह रहे हैं कि एक बेटा हो जाने दो फिर देखता हूँ तुम्हें। फिर उनमें बच्चे के नामकरण को लेकर दिलचस्प बातें होती हैं और अंततः वे नाम तय करते हैं मनो। चूँकि यह मेरी मम्मी का नाम भी है इसलिए हो सकता है यह दृश्य मुझे अधिक प्रिय हो। हम लोगों ने भी बिटिया के जन्म के पूर्व इस तरह की सुखद बातें की थीं। मैंने सोचा था कि बेटा होगा तो उसका नाम रखूँगा अचिंत्य, क्योंकि वो शिव जी की आशीर्वाद से होगा, बिटिया होगी तो चित्राक्षी, जो मैना की तरह सुंदर आंखों वाली होगी और अपनी प्रिय बातों से हमें आनंदित करेगी। निधि ने जो नाम सोचे थे वो लड़का होने पर अमय और लड़की होने पर समिधा, अनुष्का।
सुंदर आँखों वाली चित्राक्षी
१७ अक्टूबर को जब छोटी गुड़िया हमारे जीवन में आ गई तब मैंने अनुभव को बताया कि मैं इसका नाम चित्राक्षी रख सकता हूँ तो वो काफी खुश हुआ क्योंकि उसे चिड़ियों से बहुत प्रेम है। फिर मैंने जब यह नाम सार्वजनिक किया तो लोगों का काफी विरोध हुआ। सबने कहा कि ये नाम बहुत कठिन है बच्ची इसे ले भी नहीं पाएगी।
मेघावती सुकर्णोपुत्री
मुझे एक स्पेशल सा अद्वितीय सा नाम चाहिए था। मैंने अपने उन दोस्तों से पूछा जिन्होंने हाल ही में संतान रत्न प्राप्त किया था। इनमें से एक नीटु ने अपने पुत्र का नाम लक्ष्य रखा। मैंने उसे कहा कि यह थोड़ा सा कॉमन नहीं लगा। उसने रोचक जवाब दिया कि भैया भारत की आबादी एक अरब हो चुकी है अब स्पेशल नाम कहाँ से मिलेगा। मुझे वैसा ही नाम चाहिए था जैसा मेघावती सुकर्णोपुत्री। सुकर्णो जब भारत आए थे तो उन्हें पुत्री रत्न प्राप्त होने की सूचना मिली, वे नामकरण की समस्या में फंसे, नेहरू ने कहा कि ये आषाढ़ के दिन आई है जब मेघ घिरे हैं तो इसका नाम मेघावती होना चाहिए।
श्रुतकीर्ति का विकल्प भी
मैंने दीपक से राय ली, दीपक ने एक नया नाम सुझाया, निसर्ग। मैं अक्सर लोगों से कहता हूँ कि मैं इसकी नोटशीट बनाकर निधि के पास प्रस्तुत करूँगा। मेरे दिमाग में दो नाम और हैं स्वस्ति और श्रुतकीर्ति। स्वस्ति का अर्थ होता है मंगलमय(जैसा मैंने पढ़ा है) और श्रुतकीर्ति शत्रुघ्न की पत्नी। आगे जो भी विचार आएगा, वो रख दिया जाएगा लेकिन विडंबना यह है कि जिसका नाम रखा जाना है उसे ही इस प्रक्रिया से दूर रखा जाता है।

4 comments:

  1. निसर्ग व स्वस्ति दोनों ही नाम अच्छे लगे, खासकर स्वस्ति का अर्थ इतना शुभ है। चित्राक्षी सचमुच थोड़ा कठिन हो जाएगा!

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    1. आपका हृदय से आभार, इस संबंध में मेरी दुविधा दूर हुई है।

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  2. पिता बनने के लिए बहुत -बहुत बधाई |

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  3. स्वस्ति का अर्थ होता है मंगलमय ... अनुपम तो यही होगा ...
    बहुत - बहुत बधाई सहित शुभकामनाएं

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आपने इतने धैर्यपूर्वक इसे पढ़ा, इसके लिए आपका हृदय से आभार। जो कुछ लिखा, उसमें आपका मार्गदर्शन सदैव से अपेक्षित रहेगा और अपने लेखन के प्रति मेरे संशय को कुछ कम कर पाएगा। हृदय से धन्यवाद