मैं जूली का गाना माई हार्ट इज बीटिंग सुन रहा हूँ, ऐसे तो मैं हमेशा इसे
सुनता हूँ लेकिन वसंत के आगमन के मौके पर इसे सुनने में मुझे खास आनंद आता है।
इसकी अंतिम लाइनें खास तौर पर वसंत को और अधिक ग्लोरीफाई करती है।
spring is the season, that drops the reason, of lovers who truly love
इस खूबसूरत गीत की रचना हरिन्द्रनाथ चट्टोपाध्याय ने की थी जिन्होंने
बावर्ची फिल्म में दद्दु की भूमिका निभाई थी। अरसे पहले हिंदी फिल्म के लिए लिखा
यह इंग्लिश का गीत इतना लोकप्रिय हुआ, इससे काफी आश्चर्य होता है। शायद इसमें
प्रेम और वसंत का कॉकटेल था जिसने इस गीत को लोकप्रिय किया। जब यह गाना चित्रहार
में आता था तो पापा बताते थे कि इसमें जो छोटी लड़की है वो श्रीदेवी है और बड़ी
लक्ष्मी।
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मुझे गोलमाल का गीत आने वाला पल जाने वाला है भी याद आता है। इस गाने का वो
अंतरा मुझे बहुत भाता है। एक बार वक्त से लम्हा गिरा कोई, वहाँ दास्तां मिली लम्हा
कहीं नहीं, वसंत में प्रेमिका अपने प्रेमी को प्राप्त करने की कामना से अशोक वृक्ष
पर आघात करती है। फूल गिरते हैं और उसकी कामना पूरी होती है। अजीब सा संयोग है कि
पश्चिम में वेलेंटाइन को वसंत में ही सजा मिली और राजा भोज भी इसी दिन वसंतोत्सव
का आयोजन करते थे।
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वसंत के आने से निराला भी बहुत याद आते हैं उनकी कविता, यद्यपि ईर्ष्या नहीं
मुझे, लेकिन मैं ही वसंत का अग्रदूत, ब्राह्मण समाज में ज्यों अछूत। उनका वसंत
हमें ग्लोरीफाई करता है। अपनी पहचान दिलाता है। इसके बाद कितने कवियों में वसंत पर
कविताएँ लिखी होंगी लेकिन वसंत के ब्रांड एम्बेसडर निराला ही रहे।
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वसंत पर माँ सरस्वती भी याद आती हैं। वो कितनी सोबर हैं। मुझे याद आता है जब
पहली बार ज्ञात स्मृतियों में मैं बाल कटाने गया, तो वहाँ दुकान में सरस्वती जी का
एक पोस्टर लगा था। वो वीणा बजा रही थीं, उनके बगल से एक नदी गुजर रही थी। एक मोर
पास ही खड़ा था। मुझे लगा कि ये जरूर स्वर्ग का दृश्य होगा। वसंत का यह मेरे जीवन में
पहला रंग था, कविता और संगीत से भरा। अरसे बाद पता चला कि ये चित्र राजा रवि वर्मा
ने बनाया है। देवी सरस्वती के प्रति जो मन में श्रद्धा के भाव हैं उसमें बहुत बड़ा
योगदान राजा रवि वर्मा का है जिन्होंने इस स्वर्गिक दृश्य को साकार किया। मुझे याद
आता है कि स्कूल में वासंती परिधान पहने लड़कियां जब देवी सरस्वती की आराधना करती थीं
तब लगता था कि दुनिया में कहीं न कहीं पढ़ने वालों के लिए भी स्पेस है भले ही वो बहुत
सीमित हो।