Monday, July 23, 2012

शिवानी बहन का आभार...



ब्रह्मकुमारी संस्था से मेरा परिचय तब हुआ जब मैं ११ साल का था, एक प्रदर्शनी लगी थी उनकी, मुझे पसंद नहीं आये थे, उनके चित्र। फिर एक बार दोस्तों के साथ जाना हुआ मोतीबाग में प्रदर्शनी लगी थी, तब भी बड़ा अजीब सा लगा। फिर एक दिन शिवानी बहन रायपुर आई, उन्होंने पत्रकारों को आमंत्रित किया। उन्होंने सभी प्रश्नों के जवाब बेहद सुलझे ढंग से दिये। लोगों ने बताया कि वे इंजीनियर हैं शादीशुदा हैं। उनका शाम को प्रोग्राम था। हमने उन्हें बताया कि इस पेशे में बेहद तनाव है हम कैसे करें? उन्होंने शाम को प्रोग्राम से पूर्व मिलने बुलाया। हम दो दोस्त उनसे मिलने पहुँचे। उनके आश्रम के लोगों ने हमें बताया कि शिवानी बहन की तबियत खऱाब है फिर भी वे आप लोगों से मिलेंगी। उनके चेहरे पर लंबी यात्रा की थकान दिख रही थी, फिर भी उन्होंने हमें महसूस नहीं होने दिया कि यहाँ बैठना उनके लिए बेहद कष्टदायक है। उन्होंने हमें मेडिटेशन की सलाह दी। उन्हें देखकर लगा कि सच्चे लोग, सच्चे योगी तथा सच्चे आध्यात्मिक भाव वाले अब भी चुनिंदा लोग धरती में मौजूद हैं। जाते वक्त उन्होंने अपना मेल एकाउंट भी दिया। फिर हमने सोचा कि मेडिटेशन जरूर करेंगे, ब्रह्मकुमारी संस्था में एक दिन गए भी लेकिन उनका प्रेजेंटेशन हमें अच्छा नहीं लगा।
 मैं मेडिटेशन की शक्ति के बारे में जानने को बेकरार था, मैं यह भी जानना चाहता था कि क्या यह वैज्ञानिक है। फिर नासिक यात्रा की, वहाँ जीजाजी ने आर्ट आफ लिविंग के बारे में बताया, मेडिटेशन के बारे में मैंने गंभीरतापूर्वक सोचना शुरू किया। फिर यूट्यूब में मेडिटेशन की एक सुंदर साइट देखी। अंततः टाइम मैग्जीन में मेडिटेशन पर एक कवर स्टोरी पढ़ी, इसने मेरी जिंदगी बदल दी है। मैं अब भी जल्दी तनाव में आ जाता हूँ लेकिन फिर भी मुझे पता है कि अब मैं मेडिटेशन कर रहा हूँ और चीजें जल्द ही मेरे हक में होंगी। मेरे इस नये अनुभव के लिए शिवानी बहन को मैं तहेदिल से धन्यवाद देना चाहूँगा। कल संस्कार में उनका एक इंटरव्यू देखा, इंटरव्यू सुरेश ओबराय ले रहे थे, इंटरव्यू इतना अच्छा था कि आध्यात्मिकता से कोसो दूर मेरे एक भाई को भी यह पसंद आया। आज रात मुझे एक स्वप्न आया, स्वप्न में घूम-घूम कर यही बातें आ रही थीं। अंतिम लाइन जो मुझे याद हैं वो शायद टूटी-फूटी इंग्लिश में कुछ इस प्रकार थीं। दलाई लामा बिलान्ग्स टू द कैटगरी व्हिज फील हाईयेस्ट स्पिरिच्वल एक्जपीरिएंसेज

3 comments:

  1. आपका अनुभव जानना अच्छा लगा। तनाव से बचने के बहुत से तरीके हो सकते हैं लेकिन शुरू में तो अभ्यास ज़रूरी है।

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  2. मेडिटेशन मन को साधने का तरीका है जो आंतरिक अनुभवों को भावन बना कर आकर्षित करता रहता है. बहुत अच्छी पोस्ट.

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आपने इतने धैर्यपूर्वक इसे पढ़ा, इसके लिए आपका हृदय से आभार। जो कुछ लिखा, उसमें आपका मार्गदर्शन सदैव से अपेक्षित रहेगा और अपने लेखन के प्रति मेरे संशय को कुछ कम कर पाएगा। हृदय से धन्यवाद