O snehil chutki
लेना तू इस दुनिया में अपने पिता से ज्ञान
पर हमेशा बनाना अपनी स्वतंत्र पहचान
तेरी माँ तुझे सदा यही सिखाए
कैसे सर्वत्र घुलमिल जाए, और फिर भी भीड़ में खास नजर आये
तेरे दादा जी कहें बस इतना रख ध्यान
मान दे सभी को अगर पाना है सम्मान
तेरी दादी लगायेंगी खूब तेरा मान
क्योंकि उनमें है सारी दुनिया का अपनापन
तेरी बुआ तुझपे दिखाये, लाड और दें खूब भरोसा
तेरे फुफाजी कहें जीवन है यह प्रयोगशाला
घूमो फिरो, काम में बंद होकर ये जीवन गुजारा तो क्या गुजारा
तेरी बिन्नी दादी है सबके दुखों का लांचिंग पैड
हर समस्या का साल्यूशन तुझे यहाँ मिलेगा रेडीमेड
अटेंशन तो डिटेल तुझे सिखायें प्यारे पप्पू मामा
जिंदगी की लंबी राहों में बारीकियां भूल न जाना
तनु बुआ बतायें, सिर्फ इतना काफी नहीं की आपके पास हो ब्रेन
आगे बढ़ने को चाहिए इंसान मेहनत भी करे दिन रैन
अशोक मामा की क्विक क्रिएटिविटी कहीं और देखी नहीं...
मिलें तो बातें, बस हंसी ठहाके,. ये इतना इजी नहीं
सत्यम भाई और छोटी दीदी जैसी ही बनना तुम चंचल
अपने भाई बहनों से सीखना कैसे रहें संबल
ये है छोटी सी कविता छोटी सी गुड़िया के लिए
जो नाम इनमें ना आ पाये वो लेखक को क्षमा कीजिये
हम सबकी है यही श्रद्धा हैं इसी बात का अभिमान
देर से ही सहीं ईश्वर तुने दिया हमें आशीर्वाद, किया हमारी इच्छाओं का मान
आकांक्षा है यही छुटकी कुछ ऐसा कर जाये
की वो हमारे रिश्तों से नहीं हम उसके रिश्ते से जाने जायें.....
(दीपक ने सिंगापुर से छोटी गुड़िया के प्रथम घर आगमन पर लिखा........)
इतने स्वजनों का भरपूर नेह पाकर निहाल रहेगी छुटकी ,और बड़ी हो कर जरूर कमाल करेगी छुटकी !
ReplyDelete:) Blessings!
ReplyDeleteAnek shubhasheesh! Bahut sundar rachana!
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